अगर हम पाकिस्तान मे होते तो कुछ इस तरह कक्षा 12 वीं के बाद प्रोफ़ेशेनल कोर्स के विकल्प होते:
JEE - Jehadic Entrance Examination
IIT - Islamic Institute of Terrorism
IIM - Institute of Infiltration Management
CAT - Career in Alqaida & Taliban
IAS - Iraq after Saddam
M Tech - Masters in Terror Technology
GATE - General Aptitude in Terror and Extremism
TOEFL - Test of Extremist Foreign Languages
GRE - Graduate in Relocation Extremism
MBBS - Master of Bomb Blasting Strategies
Wednesday, October 18, 2006
पाकिस्तान मे कैरियर के विकल्प
Tuesday, October 10, 2006
आज की सुबह
आज सुबह जो कुछ वीडियो देखे,उनमे एक यह नुसरत फ़तह अली खान का वीडियो था जिसको मै काफ़ी अर्से से ढूँढ रहा था,आज अकस्मात ही यू-टयूब पर मिल गया। और इसके साथ ही जब तलाश की तो पंकज उदास के भी चन्द वीडियो मिले जिनकी तलाश मुझे कई दिनो से थी। तो क्यों नही इस सुबह का मजा हम लोग साथ ही बितायें।
1:- आफ़रीन आफ़रीन
2:-यूँ मेरे खत का जबाब आया, लिफ़ाफ़े मे एक गुलाब आया
3:-कही दूर जब दिन ढल जाय साँझ की दुल्हन चुपके से आये
जगजीत सिह जी का यह वीडियो,हाँलाकि मुकेश जी का गाया हुआ है, कुछ दिन पहले मैने यू-टयूब पर अपलोड किया था , यह एक बहुत दिलकश वीडियो है और इसके साथ ही इस सी डी ,'CLOSE TO MY HEART'मे कई ऐसे यादगार पुराने गाने हैं जिसको कुछ दिन बाद फ़िर से अपलोड करूँगा, फ़िलहाल इसका तो मजा ले लें।
चलता हूँ, मेरी सुबह की तफ़रीह का समय समाप्त , फ़िर मिलेगें।
1:- आफ़रीन आफ़रीन
2:-यूँ मेरे खत का जबाब आया, लिफ़ाफ़े मे एक गुलाब आया
3:-कही दूर जब दिन ढल जाय साँझ की दुल्हन चुपके से आये
जगजीत सिह जी का यह वीडियो,हाँलाकि मुकेश जी का गाया हुआ है, कुछ दिन पहले मैने यू-टयूब पर अपलोड किया था , यह एक बहुत दिलकश वीडियो है और इसके साथ ही इस सी डी ,'CLOSE TO MY HEART'मे कई ऐसे यादगार पुराने गाने हैं जिसको कुछ दिन बाद फ़िर से अपलोड करूँगा, फ़िलहाल इसका तो मजा ले लें।
चलता हूँ, मेरी सुबह की तफ़रीह का समय समाप्त , फ़िर मिलेगें।
Wednesday, October 04, 2006
सरहद के पार- 'मेहंदी हसन'
जीतू भाई की सितंबर की ब्लाग प्रविष्ट 'सरहद के पार, दिल के पास' को पढते हुये अपने पुराने गजल संग्रह की याद ताजा हो गयी । मेरे पसंदीदा गजल कलाकारों मे जगजीत सिह, जनाब मेहंदी हसन जी और तलत अजीज रहे। गुलाम अली मुझे शुरू मे तो पसंद आते रहे लेकिन बाद मुझे काफ़ी टाईप से लगे और बोरिंग भी। जब ज़ीतू भाई ने याद दिला ही दी तो मैने अपने तमाम पुरानी सी डी और कैसेटस को झाड पोछ कर सुनने की ठानी और उसमे से एक नायाब संग्रह मेहंदी हसन का निकला , वह मुझे नायाब इसलिये लगा क्योंकि उसमे कई गजलें और गीत अनसुने से थे और पाकिस्तान की उर्दू सिनेमा से लिये गये थे। अब यह बात कुछ और ही थी कि उसमे से अधिकांश गजल और गीत के बोल मुझे हिन्दी गानों से मिलते जुलते लगे। कुछ मेहंदी हसन के गीत और गजल जो मुजे इस सी डी मे पंसद आये है उसको lifelogger.com से अपलोड करके mp3 रूप मे इस पोस्ट मे संल्गन किया है, आडियो की क्वालिटी बहुत अच्छी नही है, शायद मेरे थके हुये B.S.N.L. ब्राडबैंड के कारण होगी ,फ़िर भी सुनने मे मजा आयेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच अगर कोई मीठा रिशता बचा है तो वह बस संगीत ही है और बाकी तो बस कडुवाहाट ही हैं।
1-कहने को यह एक गीत है , दर असल है चर्चा तेरा
2-आज तू गैर सही
3-रफ़्ता-2 वह मेरी
4-तेरे भीगे बदन की खुशबू
5-जब कोई प्यार से बुलायेगा
6-गा मेरे दीवाने
7-बात करनी मुझे मुशिकल
8-भूली बिसरी
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