Monday, May 12, 2008

बाप रे बाप , यह परिवार है कि पूरा मुहल्ला !! ( Couple welcomes 17th child — and wants more )


चौंकेंये नहीं , यह मुहल्ले के बच्चे नहीं हैं बल्कि एक ही परिवार के सदस्य हैं । जिम बौब और मिशैल डूगैर ने पिछले सप्ताह अपने १७ वें बच्चे का बडॆ जोश से स्वागत किया । नवागुतंक का नामाकरण भी अंग्रेजी के " J" से ही रखा गया , अन्य " J" की लिस्ट में हैं :

Joshua, 19; John David, 17; Janna, 17; Jill, 16; Jessa, 14; Jinger, 13; Joseph, 12; Josiah, 11; Joy-Anna, 9; Jedidiah, 8; Jeremiah, 8; Jason 7; James 6; Justin, 4; Jackson, 3; Johannah

जिम और मिशैल की अभी ख्यायिश पूरी नही हुई है , बल्कि उनका एक नया लक्ष्य रिकार्ड बनाने का है । क्या संभव लगता है , मुझे तो नही लगता , अपने देश मे एक से एक ध्रुरधंर पहले ही से मौजूद हैं ।

वीडियो देखने के लिये नीचे चित्र को किल्क करें ।


Couple welcomes 17th child — and wants more


LITTLE ROCK - An Arkansas couple had a baby daughter Thursday — their 17th child and seventh girl — and the pair say they're still not ready to give it a rest.

Jennifer Danielle was born at 10:01 a.m. at a hospital in Rogers, Arkansas, Jim Bob and Michelle Duggar said in an interview.

"We'd love to have more," Michelle said, referring to baby girls. "We love the ruffles and lace."

Jennifer joins the fast-growing Duggar brood, who live in a 7,000-square-foot (650-square-meter) home in Tontitown. All the children — whose names start with the letter J — are taught at home.

The oldest is 19 and the youngest, before Jennifer, is almost 2 years old.

"We are just so grateful to God for another gift from him," said Jim Bob Duggar, a former state representative. "We are just so thankful to him that everything went just very well."

Jennifer joins siblings: Joshua, 19; John David, 17; Janna, 17; Jill, 16; Jessa, 14; Jinger, 13; Joseph, 12; Josiah, 11; Joy-Anna, 9; Jedidiah, 8; Jeremiah, 8; Jason 7; James 6; Justin, 4; Jackson, 3; Johannah, almost 2.

Michelle Duggar said she started feeling contractions Wednesday night and went to the hospital at about 5 a.m. Thursday.




Sunday, May 11, 2008

चोरी और उस पर सीना-जोरी - "हम लायें हैं तूफ़ान से किशती निकाल के "- जागृति फ़िल्म का यह गाना पाकिस्तानियों ने उडाया

लखनऊ मे FM स्टेशनों मे से तकरीबन सभी खोपडी खाऊ और सर दर्द हैं ; इनमे से एक सरकारी प्रयोजित चैनल FM रेन्बॊ है और बाकी तीन प्राइवेट जिनमे रेडियो मिर्ची, रेडियो सिटी और एस FM | लेकिन इस सरकारी प्रायोजित चैनल पर रात १० बजे से १२ बजे तक पुराने गानों की जो महफ़िल लगती है , वह सुनने लायक रहती है । रेडियो जाकी मझे हुये हैं और प्रोग्राम एकदम मस्त । कुछ दिन पहले इसी प्रोग्राम मे गीतकार और गायक स्वर्गिय प्रदीप के गानों की महफ़िल जमी थी । प्रदीप के गाये कई गानों ने मुझे अपने पुराने हो चुके कैसेट संग्रह को एक बार फ़िर साफ़ करके अगले दिन निकालने के लिये विवश कर दिया । अगले दिन सुबह सोचा कि इन गानों के वीडियो यू-ट्यूब पर सर्च करके देखे जायें । "जागृति" फ़िल्म का यह गाना " हम लाये हैं तूफ़ान से किशती निकाल के " कुछ अलग-थलग सा लगा । पूरा सुनने पर इसकी असलियत सामने दिखी । पाकिस्तानी फ़िल्मकारॊ ने बडी ही चतुराई के साथ गाने के बोलों को बदल कर और गाने के धुन को हूबूह वैसे ही रखते हुये इसकी कापी कर डाली । वैसे तो हम भी कम नही हैं , आजकल के अधिकतर गाने किसी न किसी गाने की कापी लगते हैं । लेकिन इस गाने मे पाकिस्तान का छ्दम कशमीर प्रेम साफ़ झलकता है । नीचे दोनों गानों के बोल और वीडियो है , ध्यान से सुनिये ।

१. हम लाये हैं तूफ़ान से किशती निकाल के ( १९५४ -जागृति )



गायक : मो. रफ़ी

रचनाकार : प्रदीप



पासे सभी उलट गये दुशमन की चाल के

अक्षर सभी पलट गये भारत के भाल के

मन्जिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के

सदियों के बाद फ़िर उडे बादल गुलाल के ।

हम लायें हैं तूफ़ान से किशती निकाल के

इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के

तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के

इस देश को रखना मेरे बच्चॊं संभाल के

१) देखो कहीं बरबाद न हो यह बगीचा

इसको ह्रदय के खून से बापू ने है सीचा

रक्षा है यह चिराग शहीदों ने बाल के , इस देश ...

२) दुनिया के दाँव पेंच से रखना न वास्ता

मन्जिल तुम्हारी दूर है लम्बा है रास्ता

भटका न दे कोई तुम्हें धोखे मे डाल के , इस देश...

३) ऐटम बमों के जोर पे ऐठीं है यह दुनिया

बारुद के ढेर पे बैठी है यह दुनिया

तुम हर कदम उठाना जरा देख भाल के , इस देश ...

४) आराम की तुम भूल भुलिया मे ना भूलो

सपनों के हिडॊलॊं पे मगन हो के न झूलो

अब वक्त आ गया है मेरे हँसते हुये फ़ूलॊं

उठो छ्लाँग मार के आकाश को छू लो

तुम गाड दो गगन मे तिरंगा उछाल के

इस देश को रखना......



२. हम लाये हैं तूफ़ान से कशती निकाल के ( पाकिस्तानी वर्जन )_



बरसों के बाद फ़िर उडॆ परचम हिलाल के

हम लाये हैं तूफ़ान से कशती निकाल के

इस मुल्क को रखना बच्चॊं संभाँल के

बरसों के बाद फ़िर उडॆ परचम हिलाल के

इस मुल्क को रखना बच्चॊं संभाँल के

हम लाये हैं ....

देखॊ कहीं उजडॆ न हमारा यह बगीचा

इसको लहू से अपने शहीदों ने है सीचा

इसको बचाना डाल मुसीबत मे डाल के

इस मुल्क को......

दुनिया की सियासत के अजब रंग है न्यारे

चलना है मगर तुमको तो पूरों के सहारे

हर एक कदम उठाना जरा देख भाल के

इस मुल्क को....

तुम राह तो आराम के झूले मे न झूलों

काँटॊं पे है चलना मेरे हँसते हुये फ़ूलों

लेना अभी कशमीर है यह बात न भूलो

लेना अभी कशमीर है यह बात न भूलो

कशमीर पे लहराना है झंडा उछाल के

इस मुल्क को .....