Wednesday, October 04, 2006
सरहद के पार- 'मेहंदी हसन'
जीतू भाई की सितंबर की ब्लाग प्रविष्ट 'सरहद के पार, दिल के पास' को पढते हुये अपने पुराने गजल संग्रह की याद ताजा हो गयी । मेरे पसंदीदा गजल कलाकारों मे जगजीत सिह, जनाब मेहंदी हसन जी और तलत अजीज रहे। गुलाम अली मुझे शुरू मे तो पसंद आते रहे लेकिन बाद मुझे काफ़ी टाईप से लगे और बोरिंग भी। जब ज़ीतू भाई ने याद दिला ही दी तो मैने अपने तमाम पुरानी सी डी और कैसेटस को झाड पोछ कर सुनने की ठानी और उसमे से एक नायाब संग्रह मेहंदी हसन का निकला , वह मुझे नायाब इसलिये लगा क्योंकि उसमे कई गजलें और गीत अनसुने से थे और पाकिस्तान की उर्दू सिनेमा से लिये गये थे। अब यह बात कुछ और ही थी कि उसमे से अधिकांश गजल और गीत के बोल मुझे हिन्दी गानों से मिलते जुलते लगे। कुछ मेहंदी हसन के गीत और गजल जो मुजे इस सी डी मे पंसद आये है उसको lifelogger.com से अपलोड करके mp3 रूप मे इस पोस्ट मे संल्गन किया है, आडियो की क्वालिटी बहुत अच्छी नही है, शायद मेरे थके हुये B.S.N.L. ब्राडबैंड के कारण होगी ,फ़िर भी सुनने मे मजा आयेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच अगर कोई मीठा रिशता बचा है तो वह बस संगीत ही है और बाकी तो बस कडुवाहाट ही हैं।
1-कहने को यह एक गीत है , दर असल है चर्चा तेरा
2-आज तू गैर सही
3-रफ़्ता-2 वह मेरी
4-तेरे भीगे बदन की खुशबू
5-जब कोई प्यार से बुलायेगा
6-गा मेरे दीवाने
7-बात करनी मुझे मुशिकल
8-भूली बिसरी
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3 comments:
डॉक्टर साब ....सच में मज़ा आ गया ,,गज़लें सुन कर..
guru album ka naam to bata do.
टंडन जी जरा हमें भी बतायें कि आपने mp3 कैसे सम्मलित कीं अपने ब्लॉग पर. मेरा ई-मेल पता है: srivastava.atul@gmail.com
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