आज सुबह जो कुछ वीडियो देखे,उनमे एक यह नुसरत फ़तह अली खान का वीडियो था जिसको मै काफ़ी अर्से से ढूँढ रहा था,आज अकस्मात ही यू-टयूब पर मिल गया। और इसके साथ ही जब तलाश की तो पंकज उदास के भी चन्द वीडियो मिले जिनकी तलाश मुझे कई दिनो से थी। तो क्यों नही इस सुबह का मजा हम लोग साथ ही बितायें।
1:- आफ़रीन आफ़रीन
2:-यूँ मेरे खत का जबाब आया, लिफ़ाफ़े मे एक गुलाब आया
3:-कही दूर जब दिन ढल जाय साँझ की दुल्हन चुपके से आये
जगजीत सिह जी का यह वीडियो,हाँलाकि मुकेश जी का गाया हुआ है, कुछ दिन पहले मैने यू-टयूब पर अपलोड किया था , यह एक बहुत दिलकश वीडियो है और इसके साथ ही इस सी डी ,'CLOSE TO MY HEART'मे कई ऐसे यादगार पुराने गाने हैं जिसको कुछ दिन बाद फ़िर से अपलोड करूँगा, फ़िलहाल इसका तो मजा ले लें।
चलता हूँ, मेरी सुबह की तफ़रीह का समय समाप्त , फ़िर मिलेगें।
Tuesday, October 10, 2006
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3 comments:
कहीं दूर जब दिन ढल जाये...
जगजीत सिंह का ये वीडियो देख कर ऐसा लगा मानो उमराव जान के अंजुमन में बैठ कर पाँडे जी हरि ओम शरण का भजन गा रहे हों.
कहीं दूर जब दिन ढल जाये...
जगजीत सिंह का ये वीडियो देख कर लगा मानो उमराव जान की महफ़िल में बैठ कर पाँडे जी हरि ओम शरण का भजन गा रहे हों.
गजलो का चयन बहुत ही अच्छा था। इन्तजार रहेगा
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