Friday, November 03, 2006
समीर लाल जी नये रूप मे
इस फ़ोटू को देखकर आप उल्टा मतलब न निकालें, यह सिर्फ़ ब्लाग चलाने के बारे मे विशेष जानकारी देनी है। अगर आप अपने बलाग को लेकर वाकई मे सीरियस हैं तो अपने ब्लाग के किनारे इसको लगा ले , सर्वप्रथम अपने ब्लाग को यहाँ रखें, बकायदा पूजा अर्चना करें , हाँ दक्षिणा चढाना न भूलें ( अब समीर लाल जी आप इतनी दूर कनाडा मे बैठे हैं तो हमारे पास और क्या विकल्प है।) और इसके बाद अगर अपने ब्लाग की पर्सनल समीक्षा चाहते हों तो वो आपके ब्लाग पर जाकर ५१ टिप्पणियां करें और उनका विवरण दे और अलग से ईमेल करें, आप के ब्लाग का भविष्यफ़ल और उसकी चलने की पक्की गारटीं समीरलाल जी अवशय देगें।
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10 comments:
अमां ये क्या लगा दिए हो डाक्टर साहब?
कैप्शन भी लगा देते "कल रात का आपरेशन सफल नही रहा।"
अगर नीचे का ना पढते तो हम तो कमेन्टियाने वाले थे, कब गुजरे? कैसे गुजरे? शान्ति पाठ कब है?
अमां ये क्या लगा दिए हो डाक्टर साहब?
कैप्शन भी लगा देते "कल रात का आपरेशन सफल नही रहा।"
अगर नीचे का ना पढते तो हम तो कमेन्टियाने वाले थे, कब गुजरे? कैसे गुजरे? शान्ति पाठ कब है?
कृपया अगरबत्तीयां भी एड करें
बोलिए 1008 सर्वज्ञ स्वामी श्री समीर लाल महाराज की .... जय :-)
भविष्य फल जानने अपना
ये कैसे भक्त पधारे हैं
गुरु का ऐसा मेकअप कि
लगे है स्वर्ग सिधारे हैं.
--यहां पर कई डॉक्टर अपना विज्ञापन करने के लिये दो फोटो छापते है, इलाज से पहले और इलाज के बाद. आपने तो सिर्फ़ इलाज के बाद वाली तस्वीर ही छापी है.
:)
नहीं ये ऐसा वैसा मामला नहीं है. डॉक्टर साहब ने समीर लाल स्वामी १००८ को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना की है. बाक़ायदा कथा का आयोजन किया गया था. तदुपरांत तस्वीर उतारी गई. डॉक्टर साहब के यहां स्वामी जी की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. सारे विघ्न दूर हुए.
सराहनीय कार्य.
एक फोटू मेरा भी ऐसाइच बना दीजिए. हाँ, अगरबत्ती समेत. दीया भी हो तो मजा आ जाएगा. :)
गुरू ऐसा राखिऐ, जैसा थे कबीर
कबीर नही अब मिलेगे, याद रखें समीर।
बहुत अच्छा डा0 सा0
आप सब के कमेन्टस पढकर वाकई मे मजा आ गया। यह ब्लाग पोस्ट करीब 8 दिन पहले तैयार की थी लेकिन इसको छापने की हिम्मत न जुटा पाया। प्रतीक से भी बात की तो उसने तो और ही डरा दिया , कहने लगे,"अगर समीर जी नाराज़ हो गए तो कुण्डलियों में लपेट-लपेट के मारेंगे :-)" तब मैने सोचा कि इसको अब delete ही कर दो लेकिन कल; जब समीर जी को मैने बताया तो वह कहने लगे,"apne blog par khul kar chapo, jo dil me ho wo likho..mazaa aayega hume bhi aur sabko.... are nahi bhai, chapo, tab to hum likhenge ki humne kya socha iske baare main ?....moj maje ko to ek jindagi hai mitr, phir kya rokna kya chapna."
सही कहते हैं , आप , इतनी छोटी सी जिन्दगी मे मौज मस्ती और हंसी ही तो है सब कुछ।
"हँसते-2 कट जायें रास्ते
जिन्दगी यूँ ही चलती रहे"
(अब इसके आगे की लाइन मुझे याद नही आ रही है, कोई याद दिला दे तो आगे भी छाप दूँ।
Wah bhai maza aa gaya aap to kamal ke doctor hai bhai mera bhi kuch karye.
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