Thursday, December 14, 2006
हंसता हुआ धर्म (ओशो की पुस्तकों से संकलित)
एक दिन नसरुदीन घबडाया हुआ सा अपने निजी डाक्टर के पास पहुंचा और उससे बोला कि डाक्टर साहब,मेरे नौजवान बेटे ने , जिसे की छूत की बीमारी है, मेरी नौजवान नौकरानी को चूम लिया है और कहता है कि मै उसे अक्सर चूमा करता हूँ।
डाक्टर बोला, तो आखिर इसमें इतना परेशान होने की बात क्या है? नसरुदीन, आखिर वह भी युवा ही है। फ़िर छोकरे छोकरे हैं, लडके लडके हैं और नौकरानी को चूमा है न , इसमे घबराते इतना क्यों हो?
नसरुदीन बोला, पर डाक्टर साहब , आप समझने की कोशिश करे क्योंकि मै भी उस नौकरानी को अक्सर चूमा करता हूँ। क्या वह छूत का रोग मुझे नहीं लग सकता? डाक्टर बोला, घबराओ मत बडे मियां, नौकारानियां आखिर चूमने के लिये ही तो रखी जाती हैं । और छूत की बीमारी कोई बीमारी है! और यदि तुम्हें कोई लग भी जाय , तो उसका आखिर इलाज है। मै किसलिये हूं?
नसरुदीन बोला, पर डाक्टर साहब, बात यहीं खत्म नहीं होती। नौकरानी को चूमने के बाद मै कई बार अपनी पत्नी को भी चूम चुका हूं।
अब डाक्टर ने घबराते हुये कहा, ऐ, तो क्या यह वाहियाद रोग मुझे भी लग गया।
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11 comments:
हा हा हा... ओशो के मुल्ला नसरुद्दीन वाले चुटकुले लाजवाब होते हैं। उस पर भी ख़ास है ओशो की प्रसंग के अनुकूल चुटकुलों को तत्काल गढ़ने की क्षमता। ग़ज़ब।
मजेदार..
भाई यह पोस्ट पढ़ने वाले भी चेकअप करवा लें कहीं उनको भी तो यह बीमारी नहीं लग गई। :)
मुल्ला नस्रुदीन एक सम्बुद्ध वयक्ती थे. ये अपने मज़कीया आचरण के द्वारा समाज़ की किुरितयो पर कडा प्रहार कर्ते थे.
स्वामी देवा इश्ट गया
मजेदार
वाकई मे मुल्ला के चुटकुले हंसाने वाले होते हैं ha ha
मजेदार है, आगे की कडी का इन्तजार है।
हा हा, वाह वाह डॉक्टर साहब, आजकल पूरी ताकत ओशो के प्रवचनों पर लगाई जा रही है. मजेदार है. :)
osho ke jokes manushay ke man ki ganthe kholte hai . and osho ke jokes samaj ki kuritiyon and pakhand par chot karte hai. unke jokes hamare khud ke uper hiishare hai. mahendra bant
RAJESH AGRAWAL...OSHO DOING GREAT JOB BY USING COMEDY.
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