Sunday, May 11, 2008

चोरी और उस पर सीना-जोरी - "हम लायें हैं तूफ़ान से किशती निकाल के "- जागृति फ़िल्म का यह गाना पाकिस्तानियों ने उडाया

लखनऊ मे FM स्टेशनों मे से तकरीबन सभी खोपडी खाऊ और सर दर्द हैं ; इनमे से एक सरकारी प्रयोजित चैनल FM रेन्बॊ है और बाकी तीन प्राइवेट जिनमे रेडियो मिर्ची, रेडियो सिटी और एस FM | लेकिन इस सरकारी प्रायोजित चैनल पर रात १० बजे से १२ बजे तक पुराने गानों की जो महफ़िल लगती है , वह सुनने लायक रहती है । रेडियो जाकी मझे हुये हैं और प्रोग्राम एकदम मस्त । कुछ दिन पहले इसी प्रोग्राम मे गीतकार और गायक स्वर्गिय प्रदीप के गानों की महफ़िल जमी थी । प्रदीप के गाये कई गानों ने मुझे अपने पुराने हो चुके कैसेट संग्रह को एक बार फ़िर साफ़ करके अगले दिन निकालने के लिये विवश कर दिया । अगले दिन सुबह सोचा कि इन गानों के वीडियो यू-ट्यूब पर सर्च करके देखे जायें । "जागृति" फ़िल्म का यह गाना " हम लाये हैं तूफ़ान से किशती निकाल के " कुछ अलग-थलग सा लगा । पूरा सुनने पर इसकी असलियत सामने दिखी । पाकिस्तानी फ़िल्मकारॊ ने बडी ही चतुराई के साथ गाने के बोलों को बदल कर और गाने के धुन को हूबूह वैसे ही रखते हुये इसकी कापी कर डाली । वैसे तो हम भी कम नही हैं , आजकल के अधिकतर गाने किसी न किसी गाने की कापी लगते हैं । लेकिन इस गाने मे पाकिस्तान का छ्दम कशमीर प्रेम साफ़ झलकता है । नीचे दोनों गानों के बोल और वीडियो है , ध्यान से सुनिये ।

१. हम लाये हैं तूफ़ान से किशती निकाल के ( १९५४ -जागृति )



गायक : मो. रफ़ी

रचनाकार : प्रदीप



पासे सभी उलट गये दुशमन की चाल के

अक्षर सभी पलट गये भारत के भाल के

मन्जिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के

सदियों के बाद फ़िर उडे बादल गुलाल के ।

हम लायें हैं तूफ़ान से किशती निकाल के

इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के

तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के

इस देश को रखना मेरे बच्चॊं संभाल के

१) देखो कहीं बरबाद न हो यह बगीचा

इसको ह्रदय के खून से बापू ने है सीचा

रक्षा है यह चिराग शहीदों ने बाल के , इस देश ...

२) दुनिया के दाँव पेंच से रखना न वास्ता

मन्जिल तुम्हारी दूर है लम्बा है रास्ता

भटका न दे कोई तुम्हें धोखे मे डाल के , इस देश...

३) ऐटम बमों के जोर पे ऐठीं है यह दुनिया

बारुद के ढेर पे बैठी है यह दुनिया

तुम हर कदम उठाना जरा देख भाल के , इस देश ...

४) आराम की तुम भूल भुलिया मे ना भूलो

सपनों के हिडॊलॊं पे मगन हो के न झूलो

अब वक्त आ गया है मेरे हँसते हुये फ़ूलॊं

उठो छ्लाँग मार के आकाश को छू लो

तुम गाड दो गगन मे तिरंगा उछाल के

इस देश को रखना......



२. हम लाये हैं तूफ़ान से कशती निकाल के ( पाकिस्तानी वर्जन )_



बरसों के बाद फ़िर उडॆ परचम हिलाल के

हम लाये हैं तूफ़ान से कशती निकाल के

इस मुल्क को रखना बच्चॊं संभाँल के

बरसों के बाद फ़िर उडॆ परचम हिलाल के

इस मुल्क को रखना बच्चॊं संभाँल के

हम लाये हैं ....

देखॊ कहीं उजडॆ न हमारा यह बगीचा

इसको लहू से अपने शहीदों ने है सीचा

इसको बचाना डाल मुसीबत मे डाल के

इस मुल्क को......

दुनिया की सियासत के अजब रंग है न्यारे

चलना है मगर तुमको तो पूरों के सहारे

हर एक कदम उठाना जरा देख भाल के

इस मुल्क को....

तुम राह तो आराम के झूले मे न झूलों

काँटॊं पे है चलना मेरे हँसते हुये फ़ूलों

लेना अभी कशमीर है यह बात न भूलो

लेना अभी कशमीर है यह बात न भूलो

कशमीर पे लहराना है झंडा उछाल के

इस मुल्क को .....

10 comments:

Dr Parveen Chopra said...

अब गाने के बोलों के साथ भी यह सब होने लगा है, जानकर बहुत हैरानगी हुई। आपने यह बात सब के नोटिस में लाकर बहुत बढ़िया किया। एक पोस्ट अपनी पुरानी कैसेटों की कलैक्शंज़ के बारे में भी ज़रूर लिखियेगा। इंतज़ार रहेगा।

Pramendra Pratap Singh said...

hame jankari aur jagrukta dene ke liye dhanyavad

mamta said...

अरे ! ऐसा भी होता है।
ये तो निहायत ग़लत है।
इस जानकारी को बांटने का शुक्रिया।

Udan Tashtari said...

अजब बात है. धुन से लेकर कई कई पंक्तियाँ और भाव-सब लपेट लिया. हद है.

Baani T said...

Nothing suprising in this. Pakistan has always survived from stealing things from India. Be it land or culture. But this is the height !!!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

लाहौलविलाकुवत !
ये तो सरासर गलत है !
- लावण्या

anant bhatia said...

The Pakistani version of the video is no longer viewable. And very good work.

सागर नाहर said...

गाना चोरी करना तो खैर हमें सहन करना ही होगा क्यों कि हमने भी कोई कम पाकिस्तानी गाने नहीं चुराये।
सलीम रज़ा की बेहद खूबसूरत आवाज में गीत बढ़िया ही लग रहा था पर गीत के अंत में कश्मीर का जिक्र आते ही सब मजा किरकिरा हो गया। नथुने फूलने लगे..।
आपने खोजबीन बहुत की है, बधाई

Anonymous said...

This film " Bedari" Released in
December 6th, 1957 was a carbon copy of the Indian film "Jagrati". Even a patriotic song was copied with word "Pakistan" inserted in place of "Hindustan"! & more intrestingly most of the actors were Indian like :Ratan Kumar, Ragni, Santosh, Meena, Anoradha...

सागर नाहर said...

मोहम्मद फईम साहब की टिप्पणी पढ़ने के बाद खोज की तो सचमुच दुखद: आश्चर्य हुआ|
इस फिल्म में सचमुच हिन्दुस्तानी कलाकारों ने काम किया है और यह गाना भी एक हिन्दुस्तानी कलाकार पर फिल्माया गया है।