Sunday, June 17, 2007
Tuesday, May 08, 2007
चन्द दोहे
पिछले कई दिनों से मै जगजीत सिंह जी की गायी इस नज्म को कई बार सुन चुका हूं लेकिन इस मे कुछ तो है जो मुझे बार -२ सुनने को प्रेरित करती है , हां , शायद इन दोहों के बोल ही हैं जो जिंदंगी की वास्तविकता को करीब से देखने की प्रेरणा देते हैं. आज जब रहा न गया तो इन दोहों को lifelogger.com पर अपलोड कर दिया . सुनने के लिये नीचे mp3 प्लेऐर पर चटका लगायें.
मै रोया परदेस मे भीगा माँ का प्यार ।
दु:ख मे दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार ॥
छोटा कर के देखिये जीवन का विस्तार ।
आँखो भर आकाश है बाँहों भर संसार ॥
ले के तन के नाप को घूमें बस्ती गाँव ।
हर चादर के घेर से बाहर निकले पाँव ॥
सब की पूजा एक सी अलग- 2 हर रीति ।
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गाये गीत ॥
पूज़ा घर मे मूर्ति मीरा के संग शयाम ।
जिसकी जितनी चाकरी उतने उसके दाम ॥
नदिया सींचें खेत को तोता कुतरे आम ।
सूरज ढेकेदार सा सबको बाँटे काम ॥
साँतों दिन भगवान के क्या मंगल क्या पीर ।
जिस दिन सोये देर तक भूखा रहे फ़कीर ॥
अच्छी संगत बैठ कर संगी बदले रूप ।
जैसे मिलकर आम से मीठी हो गयी धूप ॥
सपना झरना नींद का जाकी आँखीं प्यास ।
पाना खोना खोजना साँसों का इतिहास ॥
चाहिये गीता बाँचिये या पढिये कुरान ।
मेरा तेरा प्यार ही हर पुस्तक का ज्ञान ॥
मै रोया परदेस मे भीगा माँ का प्यार ।
दु:ख मे दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार ॥
छोटा कर के देखिये जीवन का विस्तार ।
आँखो भर आकाश है बाँहों भर संसार ॥
ले के तन के नाप को घूमें बस्ती गाँव ।
हर चादर के घेर से बाहर निकले पाँव ॥
सब की पूजा एक सी अलग- 2 हर रीति ।
मस्जिद जाये मौलवी कोयल गाये गीत ॥
पूज़ा घर मे मूर्ति मीरा के संग शयाम ।
जिसकी जितनी चाकरी उतने उसके दाम ॥
नदिया सींचें खेत को तोता कुतरे आम ।
सूरज ढेकेदार सा सबको बाँटे काम ॥
साँतों दिन भगवान के क्या मंगल क्या पीर ।
जिस दिन सोये देर तक भूखा रहे फ़कीर ॥
अच्छी संगत बैठ कर संगी बदले रूप ।
जैसे मिलकर आम से मीठी हो गयी धूप ॥
सपना झरना नींद का जाकी आँखीं प्यास ।
पाना खोना खोजना साँसों का इतिहास ॥
चाहिये गीता बाँचिये या पढिये कुरान ।
मेरा तेरा प्यार ही हर पुस्तक का ज्ञान ॥
Thursday, March 29, 2007
Saturday, February 24, 2007
डेमोक्रेसी प्लेएर से आफ़ लाइन रहते हुये भी यू-ट्यूब, गूगल, बिल्प टी वी, रीवीवर वीडीयो आदि का मजा लें
डेमोक्रेसी प्लेएर की यही विशेषता और मीडिया प्लेएर के मुकाबले बीस ही ठहरती है। न सिर्फ़ यहयू-ट्यूब[YouTube], गूगल[google], बिल्प टी वी[Blip.tv], रीवीवर [Revver],डेलीमोशन[dailymotion] आदि वीडियो को सर्च और डाउनलोड कर सकता है, बल्कि यह और भी कई फ़ार्मेट जैसे बिट टौरन्ट की किसी भी फ़ाइल को तीव्र गति से डाउनलोड कर सकता है।
डेमोक्रेसी प्लेएर की एक और विशेषता इन डाउनलोड वीडीयो को आफ़लाइन देखने के अलावा कम्पयूटर की पूरी स्क्रीन पर बिल्कुल साफ़ दिखाई देना भी है।
डाउनलोड हो रहे वीडियो को किसी भी समय रोक भी सकते हैं और बाद में दोबारा डाउनलोड कर भी सकते हैं।
और एक और विशेष बात , इन डाउनलोड किये वीडियो को सीधे डेमोक्रेसी से ही del.icio.us, Digg, या Reddit मे सुरक्षित रख सकते हैं।
जिन वीडियो को आप tag देकर सर्च करा रहे हैं- अगली बार जब उसी tag से संबधित कोई नया वीडियो आने पर डाउनलोडिंग स्वयं ही आरम्भ हो जाती है।
डेमोक्रेसी प्लेएर बिल्कुल फ़्री है और विन्डोज के अलावा लीनक्स को भी सपोर्ट करता है और
MOV से Windows Media से लेकर iPod MP4. जैसे फ़ारमेट भी इसकी सहायता से चल जाते हैं
डाउनलोड करें Democracy Player 0.9.5.2
Wednesday, February 07, 2007
पोर्टेबल फायरफॉक्स-बढिया जुगा्ड
सबसे पहले तो मै श्रीश को धन्यवाद दूगां जिन्होने मेरी समस्या का समाधान कर दिया । जब गत रात चैट रुम मे श्रीश ने कहा "क्लीनिक में भी चैन नहीं नेट के बिना। :) " लेकिन सही माने मे यहाँ आन लाइन तो रहता हूँ लेकिन ब्लाग पढने की फ़ुर्सत नही मिलती , हाँ कुछ ब्लाग अवशय पेन ड्राइव पर डाल लेता हूँ और घर जा कर पढ लेता हूँ। श्रीश ने सुझाव दिया को पोर्टेबल फायरफॉक्स और ScrapBook का क्यों नही प्रयोग करते । कल सुबह मै तो पूरी तैयारी के साथ आया था । पोर्टेबल फायरफॉक्स और ScrapBook को डाऊनलोड किया और घर आकर इन्टर्नेट कनेक्शन कटवा देने के बावजूद पूरा मजा लिया। आप भी कर सकते हैं अगर आप की समस्या मेरी समस्या से मिलती जुलती है। फ़िर देर क्या, तैयारी शुरु करें:
1- पोर्टेबल फायरफॉक्स को यहाँ से डाऊनलोड करें और इन्सटाल करते समय इसकी लोकेशन removable disk या pen drive मे दें। नीचे देखें आकृति 1 और 2
2- इन्साटाल करने के बाद removable disk पर double click कर के खोलें। फ़ायरफ़ाक्स पोर्टेबल पर double click करे , फ़ायरफ़ाक्स इस्तेमाल करने के लिये पूरी तरह से तैयार्। देखें नीचे आकृति 3
3- अभी सवाल जिन साइटों को आप देख रहे है, उनको save कर के घर जाकर देखने का है। इसके लिये फ़ायर्फ़ाक्स के scarp book के add-ons को यहाँ से डाऊनलोड करके इन्सटाल करें। यह कुछ इस तरह दिखेगा। देखें नीचे आकृति 4
4- जितनी साइटों को देखना है उनको ctrl +T दबाकर खोलें और ScrapBook पर जाकर capture all tabs पर किलक करें, एक नये नाम से फ़ोल्डर बनाये ( जैसे मैने आज दिनांक 7-2-2007 के नाम से बनाया है। ), फ़ायरफ़ाक्स बन्द करें , घर जाये, पेन ड्राइव को दूसरे कम्पयूटर मे लगायें और मजे से इन्टर्नेट न होते हुये भी इन्टर्नेट का मजा लें।
1- पोर्टेबल फायरफॉक्स को यहाँ से डाऊनलोड करें और इन्सटाल करते समय इसकी लोकेशन removable disk या pen drive मे दें। नीचे देखें आकृति 1 और 2
2- इन्साटाल करने के बाद removable disk पर double click कर के खोलें। फ़ायरफ़ाक्स पोर्टेबल पर double click करे , फ़ायरफ़ाक्स इस्तेमाल करने के लिये पूरी तरह से तैयार्। देखें नीचे आकृति 3
3- अभी सवाल जिन साइटों को आप देख रहे है, उनको save कर के घर जाकर देखने का है। इसके लिये फ़ायर्फ़ाक्स के scarp book के add-ons को यहाँ से डाऊनलोड करके इन्सटाल करें। यह कुछ इस तरह दिखेगा। देखें नीचे आकृति 4
4- जितनी साइटों को देखना है उनको ctrl +T दबाकर खोलें और ScrapBook पर जाकर capture all tabs पर किलक करें, एक नये नाम से फ़ोल्डर बनाये ( जैसे मैने आज दिनांक 7-2-2007 के नाम से बनाया है। ), फ़ायरफ़ाक्स बन्द करें , घर जाये, पेन ड्राइव को दूसरे कम्पयूटर मे लगायें और मजे से इन्टर्नेट न होते हुये भी इन्टर्नेट का मजा लें।
Friday, January 26, 2007
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
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